भाव अगर सेवा का होतोह धर्म से बड़ा कोई माध्यम नहीं।भाव अगर स्वार्थ का होतोह धर्म से बड़ा कोई हथ्यार नहीं।
आज का विचार — 09/12/2020
जब इंसान ही शुद्ध ना रहा,तोह चीज़ें कैसे शुद्ध मिलेगी?
भाव अगर सेवा का होतोह धर्म से बड़ा कोई माध्यम नहीं।भाव अगर स्वार्थ का होतोह धर्म से बड़ा कोई हथ्यार नहीं।
जब इंसान ही शुद्ध ना रहा,तोह चीज़ें कैसे शुद्ध मिलेगी?