गिल्टी फ़ील करना एक बेहद खतरनाक मानसिक स्थिति हो सकती है।
अगर आपने कुछ गलत किया है और इसे किसी के साथ साझा नहीं कर पा रहे हैं, तो यह गिल्टी फीलिंग आपके शरीर के लिए जहर जैसा काम करती है।
गूगल के अनुसार, गिल्टी शब्द के अन्य हिंदी अर्थ हैं: दोषी, अपराधी, मुजरिम, कसूरवार।
इसका मतलब यह है कि चाहे गलती जानबूझकर की गई हो या अनजाने में, गिल्टी फीलिंग दोनों ही स्थितियों में हो सकती है।
गलतियों का जितना बड़ा असर होता है, उतना ही गहरा गिल्टी फ़ील होता है।
आजकल की सबसे बड़ी गलतियों में शामिल हैं: किसी की जान लेना या चोट पहुंचाना, रिश्तों में धोखा देना, पैसे का नुकसान करना आदि।
ये वो गंभीर गलतियाँ हैं जो लोगों के जीवन की दिशा को बदल देती हैं।
गलतियाँ हो जाती हैं, और उन्हें पूर्ववत भी नहीं किया जा सकता।
फिर उनपर पश्चाताप और प्रायश्चित की भी एक सीमा होती है।
लेकिन लगातार गिल्टी फ़ील करना इंसान के लिए सही नहीं है।
यह आपको बेहतर इंसान बनने से रोकता है और आपके करीबियों की खुशियों में भी बाधा डालता है।
आप अपने खास लोगों से लेकर गूगल तक से जान सकते हैं कि
गिल्टी फीलिंग कम करने के क्या-क्या तरीके हो सकते हैं।
मैंने भी गलतियाँ की हैं और गिल्टी फ़ील भी किया है।
मैं यहाँ अपने तरीके संक्षेप में बता देता हूँ:
क्या मैं वो गलतियाँ दोबारा करूँगा? — नहीं।
क्या मैं अपनी गलतियों से खुद को आजीवन जज करूँगा? — नहीं।
गिल्टी फ़ील करना एक हकीकत है,
लेकिन गिल्टी फीलिंग से आगे बढ़ना एक अटल सत्य है।

