हर रोज़ की तरह JNU लाइब्रेरी से ठीक 12:30 के बाद अपन कावेरी मेस में लंच के लिए निकल लिए। 4 कदम निकला ही था कि एक मित्र मिल गया और 2 मिनट का वार्तालाप 1 घंटे की चर्चा में बदल गया। 1:30 बज चुके थे और अब मेस की लाइन में खड़ा होने का मन एकदम नहीं था। मेस का प्लान कैंसिल किया और बगल के सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट की कैंटीन में लंच करने का फैसला किया|
कैंटीन में भीड़ थी और काउंटर पर आर्डर देने वाले भी कई थे|अपन भी आर्डर वाली भीड़ का हिस्सा बन गए| अपने दिल, दिमाग और जबान पर आर्डर तैयार था| काउंटर के उस पार खड़े शंकर भैया की बस मेरी तरफ नज़रे आने का ही इंतज़ार था| पास ही में लॉन्ग बूट्स और रामजस कॉलेज की जर्सी पहने एक लड़की काउंटर पर पड़े मेनू को पढ़ रही थी। शंकर भैया भी भीड़ का आर्डर खटाखट लिए जा रहे थे| वह लड़की बार-बार शंकर भैया की ओर देख कर पूछ रही थी की यहाँ का स्पेशल क्या है? पर भीड़ की आवाज़ के कारण, उसका सवाल शंकर भैया तक नहीं पहुँच पा रहा था|
मैंने उसकी मदद करने के हिसाब से पूछ लिया कि आपका क्या मन है खाने का?
वेज या नॉन वेज? उसने जवाब दिया की वेज खा सकते हैं|
मैंने कहा की वेज तोह आप घर पर भी खा लोगे, आप यहाँ का चिकन करी खाइये, लोग काफी अच्छा बताते है।
उसने पूछा की चावल के साथ सही लगेगा या रोटी के साथ?
मैंने कहा की गरमा गरम फूली हुई रोटी के साथ खाओ आप आज, आनंद आ जाएगा।
उसे अपना सुझाव सही लगा और आर्डर करने के लिए तैयार हो गयी|
फिर भीड़ में थोड़ी आवाज़ बुलंद करके अपन ने शंकर भैया को इशारा करके ऑर्डर्स दे दिए, अपने लिए 2 आलू परांठे और इनके लिए चिकन करी 2 गरमा गरम फूली रोटी के साथ|
आर्डर आने पर आवाज़ लगा दी जायेगी, कहकर शंकर भैया ने टेबल पर बैठ जाने का आग्रह किया|
अब इसके बाद वो अलग टेबल पर जा बैठी और मैं अलग टेबल पर। सच बोलू तोह मेरा मन किया था उस वक़्त की साथ में बैठ कर लंच करने का न्योता दे देना चाहिए| पर न्योता देने में हलकी सी देर हो चुकी थी और हम अलग अलग टेबल पर जा बैठे थे| अब अगले 10 मिनट तक अपने आर्डर का इंतज़ार किया और चिंतन भी| 5 मिनट तो ये सोचा की न्योता दे देता तोह उसके बाद क्या होता और अगले 5 मिनट ये सोचा की वो क्या सोच रही होगी?
तब ही काउंटर से चिकन करी के साथ 2 फूली गरम रोटी की आवाज़ आयी और हम दोनों की नज़रें एक दूसरे से टकराई। वो अपने आर्डर के लिए उठी और लेकर वापस अपने टेबल की ओर जा रही थी। इतने में अपन ने भी फैसला कर लिया था और उससे इशारो में पूछ ही लिया की क्या मैं आपके साथ बैठ सकता हूँ? उसने भी इशारे में जवाब दे दिया, आ जाओ| मैं उसकी टेबल पर पोहोचा ही था कि 2 आलू परांठे की आवाज़ भी आ गयी। अब साथ बैठ कर लंच शुरू हो गया था और बातें भी|

मैंने पूछा, आप कौनसा डिपार्टमेंट से है? MA 2nd ईयर पोलिटिकल साइंस बताया उसने।
फिर उसने पूछा तुम्हारा डिपार्टमेंट? मैंने कहा, MA 1st ईयर मॉडर्न।
मुस्करा के बोली की जूनियर निकले तुम तोह। अपन ने भी भीनी मुस्कान दे दी इस बात पर |
मैंने पूछा तुम्हारा ग्रेजुएशन रामजस से है?
वो बोली, तुमने जर्सी चेक आउट कर ली है मतलब। यह सुन कर मैं भी थोड़ा सा शर्मा गया।
रामजस से 2018 बैच पास आउट हूँ मैं|
मैंने अपना परिचय देते हुए कहा, मेरा नाम लक्ष्य है और तुम्हारा?
उसने कहा, मेरा नाम हुनर है।
वाह! काफी अच्छा नाम है ये तोह|
हाँ, अक्सर लोग सुनने के बाद ऐसा ही बोलते है, कहकर वो हंस दी|
तुम्हारा ग्रेजुएशन कहाँ से है?
आईआईटी रुड़की से 2015 बैच पास आउट हूँ मैं|
वाह! आईआईटी से पढ़कर JNU में, क्यों आये वैसे?
हाँ, अक्सर लोग सुनने के बाद ऐसा ही पूछते है, कहकर मैं हंस दिया|
वह मुस्करा के बोली की सीनियर निकले तुम तोह। अपनी भीनी मुस्कान की चमकान अभी भी बरकार थी|
JNU आने का कारण – जीवन में थोड़ा बदलाव और सिविल सर्विसेज की तैयारी बताया मैंने।
मैं भी 2020 में पहली पर प्रीलिम्स लिखने वाली हूँ वैसे।
मैंने भी 2019 का मैन्स लिखा था लेकिन क्लियर नहीं हुआ।
2020 का पेपर कर लोगे तुम क्लियर, पक्का आश्वासन दिया उसने।
मैं 2020 का एटेम्पट नहीं दे रहा हूँ, जवाब दिया मैंने।
इसके बाद क्यों, आगे क्या प्लान्स है जैसे सवाल शुरू हो गए। साथ ही अपन ने भी उसके प्लान्स की जानकारी इखठी कर ली|
लंच अच्छा हुआ और बातें भी। दोनों का लंच ख़तम हो चुका था पर बातें अभी भी बची थी|
दोनों अब कैंटीन से निकल कर डिपार्टमेंट के बाहर आने लगे। अब वो स्थल आ चका था जहा उससे बाएं ओर से रिक्शा पकड़नी थी अपने घर के लिए और मुझे दाएं जाना था लाइब्रेरी की तरफ।
जीवन में ये ही वो नाज़ुक पल होते है,
जब आप सोचते हो की क्या फिर से मिलेंगे या नहीं?
जब आप सोचते हो की विदा लेने से पहले क्या बोलना चाहिए?
जब आप सोचते हो की क्या फ़ोन नंबर एक्सचेंज कर लेना चाहिए?
और उन्ही चंद पलों में आपको इन ख्यालों पर अमल करना होता है|
वैसे मैंने सही फैसला लिया|😊
Very nice bro👍👍
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Nostalgia-inducing post. 😶
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Wahh, very nice,keep it up.
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