अभी ना अपन उस उम्र में आ गए जब “शादी कर लो” का नारा घर और समाज दोनों में लगने शुरू हो गए है। ये वो ही दौर होता है जब सबको लगता है की आपके सेटल होने से ही आपके जीवन का कल्याण हो सकेगा। कितना कल्याण होगा ये तोह कोई गारंटी नहीं करता , पर हाँ कहते है की करने के बाद पति-पत्नी वाले चुटकले गारंटीड समझ में आ जाएंगे। 😛
अब आप सबको उचित वर-वधु ढूंढे की प्रक्रिया तोह पता ही है। घरवाले आपका नाम मार्केट में लांच कर देते है, फिर रिश्तेदारों के माधयम से व्हाट्सप्प पर बायोडाटा फॉरवर्ड होना शुरू हो जाते है। इसके बाद अगलों के परिवार की भरपूर तारीफ सुनने के बाद लड़का-लड़की को मिलवाने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। मिलने की भी प्रक्रिया बहुत सिंपल ही रहती है। जहाँ पर सामने वालों के घरवाले आपसे कुछ इंटरव्यू-टाइप बेसिक सवाल पूछते है और आप चाय-नमकीन के साथ उनका अदब से आपको जवाब देना होता है। 😌
इसके बाद लड़का-लड़की को अलग से बैठने का सौभाग्य प्राप्त होता है। अब इस सौभाग्य को भी ना, अक्सर लड़का-लड़की बेसिक सवालों में ही निकल लेते है। अगर सवाल कम पड़े या किसी का जवाब ना दें पाएं, तोह आस पास भाई-बहन-भाभी होते ही है सपोर्ट के लिए। इतने सालों से वो ही बेसिक सवाल चल रहे हैं मार्केट में
नाम? होब्बीस? खाना बनाना? सैलरी पैकेज? फ्यूचर प्लान्स? आगे नौकरी या पढ़ने का मन? घूमने और किताब पढ़ने के शौक? घर में कौन-कौन है? ऑलमोस्ट सब इसी टाइप के सवालों के जवाब के आधार पर, अपना निर्णय घरवालों को बता देते हैं। 🙂

अब यार देखो, इन्ही बेसिक सवालों के जवाब अगर जानने थे ,तो ये सब तोह व्हाट्सप्प या गूगल फॉर्म के माध्यम से ही जान लेते। यदि सामने वाला का फर्स्ट इम्प्रैशन टेस्ट ही करना है और उस आधार पर जीवन का इतना बड़ा फैसला लेना ही है तोह थोड़े हटके, अच्छे और कठिन सवालों के उत्तर पूछने और समझने जाने चाहिए।
और एक बार “हाँ” हो जाती हैना तोह शादी होने तक अक्सर लोग सेफ खेलते है और इन सब सवालों से बचते भी हैं। अंदर से डर तो लगता ही होगा ये सब पूछने में क्यूंकि दांव पर आप दोनों की “हाँ” और घरवालों की इज़्ज़त जो लगी होती है। 😬
मैं ये बेसिक सवालों के खिलाफ नहीं हूँ, बस बदलते ज़माने और परिस्थिति के हिसाब से नए सवालों की एंट्री चाहता हूँ। जब भी किसी के यहाँ पर ये मिलने वाला कार्यक्रम होता है तो पहले ही घरवाले, लड़का-लड़की को आगाह कर देते हैं की, ज्यादा मत बताना, ज्यादा मत हँसना , ज्यादा मुंह फट ना होना इतियादी। मैं समझता हूँ की पहला इम्प्रैशन अच्छा होना चाहिए , पर इसका ये मतलब भी ना हो की वो इम्प्रैशन झूठ या आधी-अधूरी इनफार्मेशन पर आधारित हो। वैसे कुछ हिम्मती लोग होते हैं, जो पूछ लेते है वो कठिन सवाल और कुछ सत्यवादी भी होते हैं, जो जवाब भी सहजता के साथ दे देते है। 🤗
अब आप सोच रहे होंगे की ये नए, हटके और कठिन सवाल कोनसे हैं? जी इसका जवाब हर वो शादी-शुदा इंसान बता सकता है जो कठिन परिस्तिथियों से गुज़रा हो। पूछना अपने किसी करीबी से की अगर उससे दुबारा मौका मिले तोह अपनी पहली मीटिंग के वो बेसिक सवालों के अलावा कुछ पूछना चाहेगा या नहीं? पूछियेगा जर्रूर, एक-दो सवाल भी नए निकल कर आ गए तोह आप इस लेख का सार समझ जाएंगे। 😊
यारों सवाल पूछ लिया करो। आपका बेटर-हाफ होने वाला है कोई ।आप दोनों के बीच ये सब बातें जर्रूरी है, सच और विश्वास की बुनियाद ही आप दोनों को बेटर बनाएगी। रही बात मेरी की, मैं क्या सवाल पूछूँगा? बताने का तोह बहुत मन है मेरा, पर रहने देते है फिलहाल, क्या पता वो इस लेख को पढ़ लें और सवालों की तैयारी पहले से ही कर लें। सरप्राइज रहने देते हैं उसके लिए। 😄
“यारों सवाल पूछ लिया करो” – सत्यवचन 🙏
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