
बात उस दौर की है जब अपन दसवीं क्लास में पहुँच चुके थे। बचपन से जिस दसवीं बोर्ड के खौफ्फ़ के बारें में सुन रखा था उसका सामना करने वाला साल था ये। मेरे जैसे बच्चों के लिए डरने वाले साल से ज्यादा उत्साह वाला साल था। ऐसा इसलिए क्यूंकि घरवालों ने आईआईटी की एग्जाम के तैयारी के लिए कोटा भेजने का फैसला ले लिया था। तोह अपने लिए स्कूल में सुखद पल और भरपूर जीवन जीने के लिए दसवीं क्लास का आखरी साल ही था। 🙂
स्कूल में अपना भोकाल भी सही था। खेल कूद में अपन वैसे भी बढ़िया थे, फिर क्लास में हम 4 दोस्तों के ग्रुप की इज़्ज़त भी थी और ज़ीनत नाम की अपनी एक बढ़िया दोस्त थी जो अपने लिए साइंस के प्रोजेक्ट्स भी कर देती थी। ऐसा सीन था जैसे पूरी कायनात लग चुकी थी मुझे अच्छा फेयरवेल देने के लिए। 🤩
हमारे स्कूल में लास्ट पीरियड को जीरो पीरियड कहा जाता था। जिसमे कोई पढाई नहीं होती थी, बस टाइम पास और स्कूल की छुट्टी का इंतज़ार करना होता था। सितम्बर की महीने के ही बात थी की, मेरे क्लास की सहपाठी पायल मेरी बेंच पर आयी और बोली, “कुछ जर्रूरी बात करनी है तुमसे तोह आज जीरो पीरियड में पानी भरने वाले स्टैंड के पास आ जाना।” अब अपन व्यवहार वाले लोगों में से है, सो बिना कुछ कारण पूछे “अपन आ जाएंगे”, कह दिया पायल को। 😊
जीरो पीरियड स्टार्ट हुआ तोह पायल अपनी बेंच से उठ चुकी थी। उसके क्लास से निकलते ही, अपन भी पानी वाले स्टैंड पर जा पहुँचे। पायल अकेली थी वहां पर और थोड़ी सी घबराही हुई भी थी। उसने पहले खुद के पीछे देखा, फिर आस पास देखने लगी। जब उसको लगा की हम दोनों के अलावा कोई और नहीं वहां पर तोह उसने अपने सलवार की जेब से एक पत्र निकाल कर दे दिया। मैं, पत्र को खोलने ही लगा था कि पायल बोली, “प्लीज इसे अभी मत पढ़ो, तुम घर जाकर इससे पढ़ना।” अब मेरे जैसे व्यावहारिक आदमी को इतने प्यार से कोई बोलेगा तोह मना थोड़ी ना कर सकते है अगले को। मैंने वो पत्र लेकर अपनी जेब में रख दिया। 😇
फिर पायल क्लास की ओर चली गयी। अपन ने जल का भोग लगाया और थोड़ा स्कूल के कॉरिडोर में टाइम पास करके क्लास में जा पहुँचे। जब क्लास में पहुँचा तोह वातावरण में कुछ बदलाव सा लगा। ऐसा महसूस हो रहा था की लड़कियों का एक समूह मेरी ओर देख रहा हो। वातावरण के तनाव से दबने से बेहतर अपने ग्रुप के लड़कों के साथ बचा हुआ जीरो पीरियड में मस्ती करना ज्यादा जर्रूरी लगा मुझे। अब तक मेरे लिए उस पत्र का दर्ज़ा एक सामान्य कागज़ की तरह था इसलिए मेरे कोई चेष्टा भी नहीं हुई उससे पढ़ने की। 😬
जब घर पहुँचे तोह वो ही दिनचर्या में लग गए। लंच करना, होमवर्क करना , टीवी पर 5 बजे पोकेमोन देख कर मैदान में खेलने चले जाना। ये दिनचर्या के बाद थोड़ा समय मिला तब उस पत्र को पढ़ने का याद आया। बाय गॉड, स्कूल के उस जीरो पीरियड से लेकर अभी शाम तक वो मेरे लिए महज़ एक पत्र था पर उसको पढ़ने लगा तब पता चला की ये तोह प्रेम पत्र है। 😅
प्रेम पत्र बढ़ा ही जबरदस्त लिखा गया था। इतनी तारीफ़ और स्नेह तोह मैं शायद खुद ना सोच पाऊँ अपने बारें में। बड़ा ही ख़ुशी का पल था वो , पर इतना भी नहीं की घरवालों के साथ साझा कर सकें। ये वो ही ख़ुशी के पल होते हैं जो घरवालों से छुपाने होते है ताकि उनके डंडे आपके कूल्हे तक ना पहुँच सके। पायल ने उस प्रेम पत्र के अंत में कुछ ऐसा लिखा था की “मुझे तुम बहुत पसंद हो। इसलिए मैं अपनी भावनाएं साझा कर रही हूँ इस प्रेम पत्र के माधयम से। अगर तुम्हे भी मैं पसंद हूँ तोह, इसी प्रेम पत्र को कल जीरो पीरियड में मुझे वापस कर देना। और अगर तुम्हारी “ना” हो तोह इस पत्र को जला देना। 😮
अब अगले दिन रोज़ की तरह हर्षा उल्लहास के साथ अपन स्कूल पहुँच गए। पर अब क्लास का वातावरण वाकई में गंभीर था। ऐसा लग रहा था की आज क्लास नहीं कोर्ट में आ गया हूँ। सबकी आंखें मेरे ओर थी और उन आँखों में “फैसले क्या लिया?” इसकी चमक दिख रही थी। अब देखो यार आज जिस स्तर पर मैं हूँ, मुझे अब लोगों का अटेंशन हैंडल करना आता है। पर यार दसवीं के क्लास के बच्चे को कोई इतना अटेंशन देगा तोह उसकी तोह फटेगी ना। मेरी भी उस माहौल को देख कर फ़ट गयी थी। 😳
हिंदी क्लास में भी मैडम मुझे इतना घूर रही थी की मानों उन्हें भी फैसले का इंतज़ार हो। पायल और उसका ग्रुप तोह मुझे टुकुर-टुकुर करके पूरे समय देख रहा था। अब जीरो पीरियड आ गया और क्लास में सन्नाटा भी आया सो अलग। अपन भी माहौल की गंभीरता को समझ रहे थे तोह सीरियस लुक चेहरे पर ले आये। अब कुछ 5-10 मिनट बचे थे स्कूल की छुट्टी को। सब लोग अपनी बेंच पर शान्ति से बैठे हुए थे। ऐसा जीरो पीरियड इतिहास में पहली बार हो रहा था। पायल भी अपनी सीट पर थी और उसकी सारी ख़ास दोस्त आस पास बैठी हुई थी। 😯
मौके की नाज़ुकता को भांपते हुए अपन सीट से उठे और पायल की सीट के ओर बढे। पूरी क्लास के लिए ये फिल्मी-सा मोमेंट था, सब आँखें गड़ा कर लुत्फ़ ले रहे थे। मैं पायल के पास गया और बोला, “बहार पानी के स्टैंड पर बात कर लेते है एक बार।” पायल ने इशारे से हामी भर दी। अब अपन क्लास में बिना किसी से नज़रें मिलाये बहार निकलें और पीछे पायल भी आ गयी। पानी के उसी स्टैंड, जहाँ कल पायल ने मुझे ये प्रेम पत्र दिया वहाँ जाकर खड़े हो गए। अबकी बार मैंने अपने पीछे और आस पास देखा की कोई लोग तोह नहीं है। और फिर पायल की ओर देख कर कहा
(कहानी अगले भाग में जारी रहेगी)
Sir aap book likho 🙂 mazza aa gaya
Will be waiting for the next part..
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धन्यवाद 😇
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Bahut khoob! Second part ka besabri se intezaar hai
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धन्यवाद 😇
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Boss climax pura kro
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जल्द ही करेंगे 😅
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