इजराइल में विरोध – न्यायपालिका सुधारों पर सरकार का नियंत्रण
फ्रांस में विरोध – नस्लवाद के कारण एक किशोर की मौत
पाकिस्तान में विरोध – राजनीतिक अशांति
रूस में विरोध – युद्ध समाप्ति के लिए
हिंदुस्तान में विरोध – महिला पहलवानों के यौन शोषण के खिलाफ

दुनिया भर में किसी ना किसी समय पर,
किसी ना किसी कारण वश , किसी ना किसी स्तर पर विरोध चलता रहता है।

विरोध निजी जीवन में भी उतने ही व्यापक हैं।
बचपन में दूध पीने के प्रति विरोध।
बहार क्रिकेट ना खेलने देने के प्रति विरोध।
मनपसंद चीज़ ना दिलाने के प्रति विरोध।

तोह फिर विरोधों का समाधान कैसे करना चाहिए?

समाधान से पहले विरोध करने वाले और विरोध के सामने वाले
दोनों को समझना चाहिए की विरोध आखिर शुरू हुआ ही क्यों?

विरोध की अक्सर शुरुआत वहाँ होती है,
जहाँ पर सत्ता की शक्ति या अधिकारों से शोषण अथवा दुरोप्योग होता है।
विरोध अक्सर वहाँ भी होता है,
जहाँ पर दूसरों के निर्णय किसी तबके या दल के अहित में होते हैं।

यदि विरोध के मूल कारणों पर गौर किया जाए तथा प्रभावित दलों की किन विकल्पों पर असर पड़ रहा है,
अगर ये सही रूप से समझ लिया जाए तोह हम समाधान के प्रति बढ़ सकते हैं।

विरोध को सही या गलत ठहराने से पहले,
विरोध के मकसद को समझ लेना चाहिए।


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