कल मेरे एक 10th क्लास के कजिन भाई ने एक सवाल पूछा,” भैया आपने, अपने लोगों का इतना बड़ा सर्किल कैसे बनाया? मैंने कई बार देखा है, आप बच्चों से लेकर बड़े-बुज़र्ग़ो तक सबसे बातचीत करते रहते हो।”

मैंने उसे जवाब दिया,” सवाल अच्छा है तुम्हारा, पर मैंने कभी सोचा नहीं कभी इस बार में। तोह इस अच्छे सवाल के लिए मुझे एक दिन देना, उसके बाद अपन चर्चा करते इस पर।”

बस फिर क्या था, कल की पूरी रात काली करके, मैं आज एक निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ। इसलिए अपने भाई के साथ-साथ आप सभी, जो मेरे सर्किल के लोग हैं उनके साथ भी अपनी बात साझा करना चाहता हूँ।

समझाने के रूप से मैं अपने सर्किल के तीन मुख्य भाग का वर्णन पेश करता हूँ।
परिवार में – ददिहाल साइड हो या ननिहाल साइड, हर पीढ़ी के परिजनों से अपनी मस्त चर्चा हो जाती है। खुद के ससुराल से लेकर भाइयों-बहनों के ससुराल में भी अपने ठीक संपर्क हैं।

दोस्तों में – सभी आर्थिक स्थिति वाले दोस्तों से अपनी बेहद बनती है। कॉर्पोरेट में बड़ी सैलरी वाला हो या बेरोज़गारी का धक्के खाने वाला, दोनों के संघर्षो से वाकिफ हूँ। सरकारी अफसर हो या सरकारी नौकरी के लिए मेहनत करने वाला, दोनों के किस्से सुनता रहता हूँ। कुछ मित्रगण अपने राज्य से है, कुछ दूसरे राज्य और कुछ तोह इंटरनेशनल भी हो रखे है पर सबसे निरंतर रूप से वार्तालाप जारी रखने की कोशिश करता रहता हूँ।

नौकरी में – अपनी पहली नौकरी से लेकर अभी की चौथी नौकरी वाली कंपनी में मेरे साथ के सहकर्मियों के साथ अच्छे मिलन अनुसार जैसे सम्बन्ध है। व्हाट्सप्प ग्रुप के माध्यम से आज भी उनके साथ हँसी-मज़ाक हो जाती है।

मैं यकीन से कह सकता हूँ की, इतना विविध सर्किल मैं खुद से सोचकर या प्लानिंग करके तोह बना ही नहीं सकता हूँ। फिर ये सर्किल बना कैसे?

मुझे ना, अच्छे लोग बहुत पसंद हैं। उनकी अच्छी-बुरी कहानियाँ पसंद हैं। बच्चा हो या बड़ा उनका परिप्रेश्य सुनना पसंद हैं। फिर वो चाहे किसी भी वर्ग-उम्र-क्षेत्र से हो, मुझे अच्छा लगता है उनसे बातचीत करना।

पर सिर्फ मेरी पसंद से तोह सर्किल नहीं बन सकता ना?
सिर्फ मेरे बात करने से तोह वार्तालाप नहीं हो सकती ना?
सिर्फ मेरे प्रयासों से केवल सेमी-सर्किल ही बन सकेगा ना?

मेरा सर्किल तब ही कम्पलीट होता है,
जब मेरे लोग मुझसे उतने ही मन से बात करते हैं। मुझे समझते भी हैं और समझाते भी हैं। मेरे हित और अहित को ध्यान में रखते हैं। शायद जैसे मैं अच्छे लोगों के संपर्क में रहना चाहता हूँ, वो सब भी मुझे एक अच्छे इंसान के रूप में देखते हैं या देखना चाहते हैं इसलिए मुझे इतना स्नेह और सम्मान देते हैं।

मेरे भाई के उस अच्छे सवाल का एक सीधा जवाब ये है की,
“मेरा सर्किल मैंने नहीं बनाया है, बल्कि मेरे सर्किल के लोगों ने मुझे अपनाया है।”

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