
दोस्ती हमारे जीवन में वो आइना जिसमें हम दूसरों की आँखों से अपने आप को पहचानना शुरू करते हैं। तभी तोह हम अक्सर उनके साथ दोस्ती करते हैं जिनकी बातें और सोच हमारे समरूप होती है, क्यूंकि उसमे हमें सुकून और सुख मिलता है। दोस्ती वो रिश्ता है जिसके ऊपर हमारा नियंत्रण रहता है। किससे दोस्ती रखनी है या नहीं रखनी इन सबके पीछे हमारे निजी कारण होते हैं। जैसे हमारा परिवार हमें दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करता है, वैसे हमारा दोस्त हमें दुनिया का सामना करने में साथ देता है।
मुझे बहुत से दोस्तों का साथ मिला है। मेरा कोई एक जय-वीरू वाला दोस्त नहीं है बल्कि कई सारे रंग दे बसंती वाली दोस्त हैं। शेयर बाज़ार में निवेश करना तोह मैंने 1 साल पहले ही शुरू किया है पर दोस्ती में निवेश तोह मैं बचपन से कर रहा हूँ। मेरे हर वर्ग, जाति, धर्म,राज्य से दोस्त हैं, ऐसा इसलिए क्यूंकि मेरी दोस्ती उनके मूल्यों के आधार पर हुई है जो हर वर्ग, जाति, धर्म,राज्य में सामान होते हैं। कुछ दोस्ती कम अवधि तक चल पायी पर कुछ जीवन भर साथ चलेगी ऐसा विश्वास है मुझे। कुछ दोस्ती ने नुक्सान दिया और कुछ दोस्ती का नुक्सान निसंकोच झेल लिया। दोस्ती ने जीवन की कई यादें बनवाई और कई चीज़ें सीखायी।
दोस्ती वो सुकून का तकिया लगता है जिस पर सर रख हम आराम कर सकते हैं। दोस्ती में हम अपनी भेद्यता और असुरक्षता भी खुलके जाहिर कर सकते हैं। इसीलिए दोस्ती में समझना भी होता है और समझाना भी पड़ता है। कुछ दोस्ती खड्डे से निकालती है तोह कुछ दोस्ती खड्डे में गिराती भी है। सबके पास अच्छी दोस्ती नहीं होती है, ये मैं जानता हूँ। पर फिर भी ये मानता हूँ की दोस्ती में निवेश करने की शुरुआत तोह कभी भी की जा सकती है।
P.S- खुदा के घर से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए, कुछ पकड़े गए, कुछ मेरे यार हो गए।
#30_DAYS_SERIES