
रॉकस्टार फिल्म का एक बड़ा ही प्रसिद्ध डायलाग है,”टूटे हुए दिल से ही संगीत निकलता है। जब दिल की लगती है ना, टुकड़े-टुकड़े होते है, तब आती है झंकार।” अब इस डायलाग ने तोह टूटे हुए दिल से भी फायदा निकलवा दिया। पर जिनके दिल टूटे है जनाब, वो जानते हैं की शरीर में टूटा हुआ दिल छाती को कितना भारी कर देता है। दिल टूटने का सबसे चर्चित कारण, ब्रेकअप हो जाना है। पसंदीदा टीम का हार जाना, प्रिय कलाकार का मर जाना, सफलता के करीब आते है असफल हो जाना जैसे और भी अनगिनत कारण होते हैं दिल टूटने के।
मेरा भी दिल टूटा है, कई बार। जैसे गेम ऑफ़ थ्रोन्स में पहले ही सीजन में नेड स्टार्क को मार देने पर। फिर 2015 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका टीम की सेमीफइनल की हार पर। सुना है की, जब दिल टूटता है तोह कुछ भी अच्छा नहीं लगता। भूख और नींद दोनों कम हो जाती है।हर थोड़ी देर से रोना आता रहता है। बार-बार स्मरण आते हैं की ऐसा कैसे हो गया? क्यों हो गया? मेरा जब भी यह टूटे हुए दिल का दौर चलता है तोह अपने कुछ ख़ास लोगों से अपने अंदर के दर्द को साझा कर लेता हूँ। उनसे बातें करके, थोड़ा बेहतर महसूस करता हूँ। और फिर बढ़ते हुए समय के साथ-साथ वापस सामान्य हो जाता हूँ।
टूटे हुए दिल के ठीक होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। किसी को एक घंटा, तोह किसी को एक दिन, तोह किसी को एक साल भी लग जाता है उनकी परिस्तिथि के हिसाब से। ये समय वाकई में बहुत भारी बीतता है। ऐसे समय में खुद को सँभालने के साथ घर, नौकरी, पढाई, समाज को साथ संभालना तोह इतना मुश्किल हो जाता है की पूछो मत। पर सच बोलूं तोह हिम्मती हैं वो सब लोग जो इस दौर से उभर जाते हैं। सलाम है उनकी कोशिश को। और उनसे भी ज्यादा हिम्मती हैं वो लोग जो साथ खड़े रहते और सुनते हैं उनके टूटे हुए दिल का दर्द। सलाम है उनकी सहानुभूति को।
P.S- टूटे हुए दिल के समय में एक चीज़ बहुत अच्छी लगती है, “Sad Songs” सुनना।
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