
अनिद्रा एक प्रकार का नींद संबधी विकार है। इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है। अच्छी नींद ना आने के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा और तनावग्रस्त तोह रहता ही है। इसके साथ मानसिक और शारीरिक बीमारियों को भी शरीर में एंट्री मिल जाती है।
कॉलेज के समय हम लोग एकदम निशाचर हुआ करते थे। रात-भर जगना, फिल्में देखना, बातें करना, कैंपस में घूमना, ताश खेलना और फिर सुबह मेस का नाश्ता करके सोना तोह हमारे लिए बहुत आम बात हुआ करते थी। खुशकिस्मत वाला रहा मैं की मेरे ये निशाचर वाली हरकतें कॉलेज से निकलते ही ख़तम हो गयी और अनिद्रा के रूप में नहीं बदली। अनिद्रा के लक्षणों से मैं गंभीर रूप से कभी रुबरुं तोह नहीं हुआ, पर हाँ साल में 4-5 दिन ऐसे निकल ही जातें जब किसी बात के कारण नींद आती नहीं या टूट जाती है। पर बाकी 360 दिन, ईश्वर की कृपा से अच्छी नींद का सौभाग्य प्राप्त होता है।
अख़बार और सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हो रहा है की आजकल कई लोग अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। जो लोग इसके गंभीर लक्षणों से गुज़र रहे हैं, उन्हें तोह तुरंत मनोवैज्ञानिक को दिखाना चाहिए इसके इलाज़ के लिए। बाकी सब जिनको अनिद्रा कभी-कभी सताती है उन्हें अपने ऊपर ध्यान देना चाहिए। मेहनत के बाद हर व्यक्ति अच्छी नींद का हक़दार है। अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए अच्छी आदतों के बारे में आपको पता ही होगा। मैं बस इस बात पर प्रकाश डालना चाहता हूँ की अनिद्रा एक माहौल ख़राब देने वाला विकार है। इससे पीड़ित व्यक्ति तोह परेशान रहता ही है तथा उसके रवैये से आस-पास के लोगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसे बिलकुल हलके में ना लें।
P.S- जब भी किसी को बोलो तोह दिल से बोलो,“Goodnight”
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